Happy Birthday Nargis dutt : नरगिस (जन्म राशिद फातिमा; 1 जून 1929 – 3 मई 1981) एक प्रतिष्ठित भारतीय अभिनेत्री थीं। जिन्होंने भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका जीवन और करियर उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरा रहा।
जिससे वह फिल्म उद्योग में सबसे सम्मानित और प्रिय शख्सियतों में से एक बन गईं। यहां उनकी कहानी का एक सिंहावलोकन है।
Some memories Sanju and Mom Nargis 🥹🫶
Wish you Happy Birthday Nargis dutt medam 💯❣️
You will always be in our hearts and prayers mam 🫶🥹@duttsanjay #SanjayDutt @ND_Foundation pic.twitter.com/yux4cAQm86
— moinsha diwan ( ❤I AM WAITING FOR HER ❤) (@AsimfanNo11) June 1, 2024
प्रारंभिक जीवन Early Life
नरगिस का जन्म कलकत्ता (अब कोलकाता) में शास्त्रीय संगीत गायिका और फिल्म अभिनेत्री जद्दनबाई के घर हुआ था। अपनी मां के सिनेमा से जुड़े होने के कारण नरगिस का परिचय कम उम्र में ही फिल्म उद्योग से हो गया था।
उन्होंने 1935 में छह साल की उम्र में फिल्म “तलाश-ए-हक” से अभिनय की शुरुआत की, लेकिन उनकी सफल भूमिका “तकदीर” (1943) में आई।
Happy Birthday Nargis Dutt in Hindi
करियर के मुख्य अंश Career Highlights
नरगिस का करियर 1940 से 1960 के दशक तक चला और उन्होंने कई सफल फिल्मों में अभिनय किया और बॉलीवुड की अग्रणी अभिनेत्रियों में से एक बन गईं। उनकी कुछ सबसे उल्लेखनीय फ़िल्में शामिल हैं:
“बरसात” (1949)
“आवारा” (1951)
“श्री 420” (1955)
“मदर इंडिया” (1957)
“चोरी चोरी” (1956)
“रात और दिन” (1967)
“भारत माता”
“मदर इंडिया” में नरगिस की भूमिका शायद उनकी सबसे प्रतिष्ठित भूमिका है। मेहबूब खान द्वारा निर्देशित यह फिल्म 1957 में रिलीज हुई थी और इसे भारतीय सिनेमा की सबसे महान फिल्मों में से एक माना जाता है। नरगिस ने राधा का किरदार निभाया, जो एक गरीबी से त्रस्त महिला है जो कई कठिनाइयों का सामना करती है।
लेकिन मजबूत और लचीली बनी रहती है। यह फिल्म सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए भारत की पहली प्रस्तुति थी और नरगिस को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।
व्यक्तिगत जीवन Personal Life
नरगिस की प्रोफेशनल लाइफ जितनी ही उल्लेखनीय थी, उनकी निजी जिंदगी भी उतनी ही उल्लेखनीय थी। अभिनेता राज कपूर के साथ उनका रिश्ता काफी प्रचारित था, लेकिन अंततः उन्होंने अभिनेता सुनील दत्त से शादी कर ली। इस जोड़े के तीन बच्चे थे, जिनमें अभिनेता संजय दत्त भी शामिल थे।
नरगिस और सुनील दत्त का रिश्ता अपने गहरे प्यार और समर्थन के लिए प्रसिद्ध था, खासकर नरगिस की कैंसर से लड़ाई के दौरान।
परोपकार और बाद के वर्ष Philanthropy and Later Years
अपनी शादी के बाद नरगिस धीरे-धीरे अभिनय से दूर हो गईं और विभिन्न धर्मार्थ गतिविधियों में शामिल हो गईं। उन्होंने सेरेब्रल पाल्सी और अन्य विकलांगता वाले बच्चों की मदद के लिए स्पास्टिक्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के लिए अथक प्रयास किया। नरगिस 1980 से 1981 तक राज्यसभा की मनोनीत सदस्य भी रहीं।
विरासत और मृत्यु Inheritance and Death
3 मई 1981 को अग्नाशय कैंसर के कारण नरगिस का निधन हो गया। हालाँकि, उनकी विरासत कायम है। उनके सम्मान में कैंसर के इलाज और जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए नरगिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की गई थी।
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार भारत में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
सांस्कृतिक प्रभाव Cultural Influence
नरगिस भारतीय सिनेमा में शक्ति, अनुग्रह और प्रतिभा का प्रतीक बनी हुई हैं। विशेषकर “मदर इंडिया” जैसी फिल्मों में उनके अभिनय ने दर्शकों और फिल्म निर्माताओं पर समान रूप से अमिट छाप छोड़ी है। भारतीय सिनेमा और समाज में उनके योगदान ने उन्हें एक स्थायी व्यक्ति बना दिया है, जो उनकी कलात्मकता और मानवीय प्रयासों के लिए मनाया जाता है।
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