Quit India Movement Day 2024 : भारत छोड़ो आंदोलन, जिसे अगस्त क्रांति भी कहा जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह आंदोलन 8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी द्वारा अंग्रेजी शासन के खिलाफ शुरू किया गया था।
इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और लोगों को एकजुट होकर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी। इस लेख में हम भारत छोड़ो आंदोलन के विभिन्न पहलुओं पर विचार करेंगे, जिसमें इसके कारण, प्रभाव, प्रमुख घटनाएं और योगदान करने वाले प्रमुख नेता शामिल हैं।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says, “…9th August is the day when the historic Quit India Movement began. Mahatma Gandhi gave the mantra and the Quit India Movement filled new energy into the steps of India towards attaining freedom. Inspired by this, today the entire… pic.twitter.com/frWkc6DIXB
— ANI (@ANI) August 6, 2023
Quit India Movement Day (भारत छोड़ो आंदोलन के कारण)
भारत छोड़ो आंदोलन के कई कारण थे, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:
द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, ब्रिटिश सरकार ने भारतीय नेताओं से बिना किसी परामर्श के भारत को युद्ध में शामिल कर लिया। इससे भारतीय जनता और नेताओं में असंतोष बढ़ा।
अंग्रेजी शासन की नीतियाँ: ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियाँ और भारतीयों के साथ किए जाने वाले भेदभावपूर्ण व्यवहार ने भारतीय जनता को आंदोलन के लिए प्रेरित किया।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की भूमिका: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष करने का निर्णय लिया और महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया।
Quit India Movement Day (भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत)
भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement Day) की शुरुआत 8 अगस्त 1942 को बंबई (अब मुंबई) में हुई। महात्मा गांधी ने इस आंदोलन का उद्घाटन करते हुए “करो या मरो” का नारा दिया। यह नारा भारतीय जनता के दिलों में गहरी छाप छोड़ गया और लोगों को स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।
प्रमुख घटनाएँ
भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement Day) के दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, जो इस आंदोलन की सफलता में सहायक रहीं:
महात्मा गांधी की गिरफ्तारी: आंदोलन शुरू होते ही महात्मा गांधी और अन्य प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बावजूद आंदोलन जारी रहा और जनता ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष जारी रखा।
सरकारी दमन: ब्रिटिश सरकार ने आंदोलन को दबाने के लिए कड़ी कार्रवाई की। कई आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया, उन पर लाठीचार्ज और गोलीबारी की गई, फिर भी भारतीय जनता का उत्साह कम नहीं हुआ।
अखिल भारतीय स्तर पर आंदोलन: भारत छोड़ो आंदोलन ने पूरे भारत में जन समर्थन प्राप्त किया। किसान, मजदूर, छात्र, महिलाएँ और व्यापारी सभी ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
Quit India Movement Day (भारत छोड़ो आंदोलन का प्रभाव)
भारत छोड़ो आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर गहरा प्रभाव डाला। इस आंदोलन ने भारतीय जनता को एकजुट किया और अंग्रेजी शासन के खिलाफ उनकी लड़ाई को मजबूत किया। इसके कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:
जनता का जागरूक होना: भारत छोड़ो आंदोलन ने भारतीय जनता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया और उन्हें स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।
अंग्रेजी शासन का कमजोर होना: इस आंदोलन के कारण ब्रिटिश सरकार को भारतीय जनता के विरोध का सामना करना पड़ा, जिससे उनका शासन कमजोर हो गया।
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन: भारत छोड़ो आंदोलन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन मिला। कई देशों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का समर्थन किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज उठाई।
भारत छोड़ो आंदोलन के प्रमुख नेता
भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement Day) में कई प्रमुख नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें से कुछ प्रमुख नेता निम्नलिखित हैं:
महात्मा गांधी: महात्मा गांधी इस आंदोलन के मुख्य प्रेरक थे। उनके नेतृत्व में ही आंदोलन की शुरुआत हुई और उन्होंने “करो या मरो” का नारा दिया।
जवाहरलाल नेहरू: नेहरू ने आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और कई बार गिरफ्तार हुए। उन्होंने भारतीय जनता को आंदोलन के लिए प्रेरित किया।
सरदार वल्लभभाई पटेल: पटेल ने आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारतीय जनता को संगठित किया।
लाल बहादुर शास्त्री: शास्त्री जी ने भी इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और अपने नेतृत्व में जनता को संघर्ष के लिए प्रेरित किया।
अरुणा आसफ अली: अरुणा आसफ अली ने आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वह भारत छोड़ो आंदोलन की प्रमुख महिला नेता बनीं। उनकी साहसिकता और संघर्ष भावना ने आंदोलन को नई दिशा दी।
भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement Day) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस आंदोलन ने भारतीय जनता को एकजुट किया और अंग्रेजी शासन के खिलाफ उनकी लड़ाई को मजबूत किया। महात्मा गांधी और अन्य प्रमुख नेताओं के नेतृत्व में इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी और अंततः भारत को स्वतंत्रता दिलाई।
आज भी हम इस आंदोलन के योगदान को याद करते हैं और स्वतंत्रता संग्राम के उन वीरों को नमन करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई। भारत छोड़ो आंदोलन दिवस (Quit India Movement Day 2024) हमें यह याद दिलाता है कि स्वतंत्रता का मूल्य कितना अनमोल है और इसे प्राप्त करने के लिए हमें एकजुट होकर संघर्ष करना चाहिए।
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