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Death anniversary of Atal Bihari Vajpayee

Death anniversary of Atal Bihari Vajpayee : अटल बिहारी वाजपेयी (Death anniversary of Atal Bihari Vajpayee ) भारतीय राजनीति के एक महान नेता थे, जिनकी असाधारण योग्यता, दूरदर्शिता और देशभक्ति ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटल जी का जीवन भारतीय राजनीति के विभिन्न पहलुओं से जुड़ा रहा। उनकी पुण्यतिथि 16 अगस्त को उन्हें श्रद्धांजलि देने का दिन है, जब पूरा देश उनके योगदान को याद करता है।

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Atal Bihari Vajpayee की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी एक शिक्षक और कवि थे, जिनसे अटल जी ने साहित्य और राजनीति के प्रति रुचि प्राप्त की। उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (अब लक्ष्मीबाई कॉलेज) से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में एम.ए. किया।

Atal Bihari Vajpayee का राजनीतिक करियर की शुरुआत

अटल बिहारी वाजपेयी (Death anniversary of Atal Bihari Vajpayee ) का राजनीतिक करियर भारतीय जनसंघ से शुरू हुआ। 1951 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जिसमें अटल जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1957 में, उन्होंने बलरामपुर से लोकसभा चुनाव जीता और संसद सदस्य बने। उनके ओजस्वी भाषण और प्रभावशाली व्यक्तित्व ने उन्हें जल्दी ही प्रमुख नेताओं में शामिल कर दिया।

Death anniversary of Atal Bihari Vajpayee (2)

Atal Bihari Vajpayee के द्वारा भारतीय जनता पार्टी का गठन

1980 में, भारतीय जनसंघ के विघटन के बाद, अटल बिहारी वाजपेयी (Death anniversary of Atal Bihari Vajpayee ) ने लाल कृष्ण आडवाणी और अन्य नेताओं के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना की। BJP ने राष्ट्रवाद, सांस्कृतिक एकता और आर्थिक उदारीकरण को अपने मुख्य सिद्धांत बनाए। अटल जी के नेतृत्व में, पार्टी ने धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल की और 1996 में पहली बार केंद्र में सरकार बनाई।

Atal Bihari Vajpayee की प्रधानमंत्री पद का कार्यकाल

अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था, लेकिन 1998 में उन्होंने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 1999 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में, भारत ने महत्वपूर्ण नीतिगत और आर्थिक सुधार किए। उनकी सरकार ने परमाणु परीक्षण, कश्मीर मुद्दा, और पाकिस्तान के साथ संबंधों में महत्वपूर्ण कदम उठाए।

Death anniversary of Atal Bihari Vajpayee

Atal Bihari Vajpayee के द्वारा परमाणु परीक्षण और कूटनीति

अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में, 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किए गए। इस कदम ने भारत को वैश्विक स्तर पर एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया। वाजपेयी जी ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को सुधारने के लिए लाहौर बस यात्रा की, जिसने दोनों देशों के बीच शांति वार्ता की दिशा में एक नया आयाम जोड़ा।

Atal Bihari Vajpayee के द्वारा आर्थिक सुधार और विकास

अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भारत में आर्थिक सुधार और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। उनकी सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना, स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं, जिन्होंने देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया। उनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था ने तेजी से विकास किया और विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ा।

Atal Bihari Vajpayee का सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान

अटल बिहारी वाजपेयी एक उत्कृष्ट कवि और लेखक भी थे। उनकी कविताएं और लेखन उनकी संवेदनशीलता, देशभक्ति और मानवता के प्रति उनके गहरे विचारों को प्रकट करते हैं। उनकी प्रसिद्ध कविताओं में ‘कदम मिलाकर चलना होगा’, ‘गीत नया गाता हूँ’, और ‘आओ फिर से दिया जलाएँ’ शामिल हैं। उनके साहित्यिक योगदान ने उन्हें साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में भी प्रतिष्ठा दिलाई।

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अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत

अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत भारतीय राजनीति में स्थायी रूप से अंकित है। उनके नेतृत्व और दृष्टिकोण ने भारतीय जनता पार्टी को एक मजबूत राजनीतिक ताकत बनाया। उनके कार्यकाल के दौरान किए गए सुधार और नीतिगत निर्णयों का प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है। उनके निधन के बाद, भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया, जो देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

अटल जी के व्यक्तित्व की विशेषताएँ

अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व अनेक गुणों का सम्मिश्रण था। वे एक कुशल वक्ता, दूरदर्शी नेता, संवेदनशील कवि, और महान देशभक्त थे। उनके ओजस्वी भाषणों ने न केवल संसद में बल्कि जनता के दिलों में भी एक अमिट छाप छोड़ी। उनका सरल और सुलभ व्यक्तित्व उन्हें लोगों के बीच अत्यंत लोकप्रिय बनाता था।

अटल बिहारी वाजपेयी (Death anniversary of Atal Bihari Vajpayee ) भारतीय राजनीति के एक युगप्रवर्तक नेता थे, जिनकी महानता, दूरदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक विशिष्ट स्थान दिलाया।

उनकी पुण्यतिथि पर, हमें उनके योगदान और उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए। अटल जी की स्मृति हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी और उनकी शिक्षा और आदर्श हमें प्रेरित करते रहेंगे।

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