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Kargil Vijay Diwas 2024Kargil Vijay Diwas 2024

Kargil Vijay Diwas 2024 : कारगिल विजय दिवस भारतीय इतिहास में एक ऐसा अध्याय है, जो शौर्य, साहस और विजय की एक अद्वितीय गाथा के रूप में अंकित है। यह दिवस हर वर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में कारगिल युद्ध में विजय प्राप्त की थी। इस दिवस का उद्देश्य उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की सुरक्षा सुनिश्चित की थी।

Kargil Vijay Diwas in Hindi 

कारगिल विजय दिवस क्यों मनाया जाता हैं Why is Kargil Vijay Diwas celebrated

कारगिल युद्ध की शुरुआत मई 1999 में हुई थी, जब पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LOC) के पार भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी। पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और आतंकवादियों को भारतीय सीमा में घुसाकर कारगिल, द्रास, और बटालिक सेक्टरों में रणनीतिक चोटियों पर कब्जा कर लिया था। इसका उद्देश्य कश्मीर में सियाचिन ग्लेशियर और लेह-लद्दाख के बीच की सप्लाई लाइन को काटना था, ताकि भारत को रणनीतिक नुकसान पहुंचाया जा सके।

Kargil Vijay Diwas (भारतीय सेना की प्रतिक्रिया)

पाकिस्तान की इस घुसपैठ का भारतीय सेना ने दृढ़ता से मुकाबला किया। भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ नामक सैन्य अभियान चलाया, जिसका मुख्य उद्देश्य कारगिल क्षेत्र से घुसपैठियों को खदेड़ना था। भारतीय वायुसेना ने भी ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ के तहत महत्वपूर्ण हवाई हमले किए।

कारगिल युद्ध का घटनाक्रम

कारगिल युद्ध लगभग दो महीने तक चला, जिसमें भारतीय सेना ने कठिन भूगोल और प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के बावजूद अदम्य साहस का परिचय दिया। द्रास, बटालिक, काकसार और टाइगर हिल जैसी ऊँची चोटियों को पुनः अपने कब्जे में लेना भारतीय सेना के लिए एक बड़ी चुनौती थी।

भारतीय सेना का शौर्य का प्रदर्शन 

इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अद्वितीय शौर्य और बलिदान का प्रदर्शन किया। कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन सौरभ कालिया, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, और ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव जैसे वीर सैनिकों ने अपने अद्वितीय साहस और वीरता के लिए परमवीर चक्र जैसे उच्च सैन्य सम्मान प्राप्त किए। कैप्टन विक्रम बत्रा का प्रसिद्ध उद्धरण, “ये दिल मांगे मोर,” आज भी हर भारतीय के दिल में गूंजता है।

Kargil Vijay Diwas 2024
Kargil Vijay Diwas 2024

अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा विजय की घोषणा

26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने औपचारिक रूप से कारगिल युद्ध में विजय की घोषणा की। इस दिन को ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जो भारतीय सैन्य इतिहास में अद्वितीय शौर्य और साहस की प्रतीक है। इस विजय ने न केवल भारतीय सेना की ताकत और संकल्प को साबित किया, बल्कि पूरे राष्ट्र को गर्व और सम्मान से भर दिया।

सभी शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि का आयोजन 

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर पूरे देश में विशेष समारोहों का आयोजन किया जाता है। नई दिल्ली स्थित अमर जवान ज्योति पर प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्ति शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। कारगिल के द्रास क्षेत्र में स्थित कारगिल युद्ध स्मारक पर भी विशेष श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां शहीदों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं।

युद्ध हमें क्या सीखता हैं 

कारगिल विजय दिवस न केवल भारतीय सैन्य इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, बल्कि यह हर भारतीय के दिल में देशभक्ति और गर्व की भावना को भी जगाता है। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारे सैनिकों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा और हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने देश की सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए तत्पर रहें।

Kargil Vijay Diwas 2024
Kargil Vijay Diwas 2024

राष्ट्रीय एकता और जागरूकता

कारगिल विजय दिवस का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह देश की राष्ट्रीय एकता और जागरूकता को बढ़ावा देता है। इस दिन पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में विशेष सभाओं, रैलियों, और प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है। इससे युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जागृत होती है और वे अपने देश की सेवा के लिए प्रेरित होते हैं।

कारगिल युद्ध में नारी शक्ति का योगदान

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर नारी शक्ति के योगदान को भी सराहा जाता है। इस युद्ध में कई महिलाओं ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, चाहे वे सेना में कार्यरत हों या शहीद जवानों की परिवारजनों के रूप में। उनकी अदम्य साहस और संकल्प ने देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कारगिल विजय दिवस हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान के कारण ही हम सुरक्षित और स्वतंत्र हैं। हमें उनके बलिदान को हमेशा याद रखना चाहिए और देश की सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए अपने संकल्प को मजबूत रखना चाहिए।

कारगिल युद्ध से हमें क्या सीख मिलती हैं

कारगिल विजय दिवस केवल एक तिथि नहीं है, बल्कि यह भारतीय सैनिकों के शौर्य, साहस और बलिदान की अमर गाथा है। यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने देश की सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए सदैव तत्पर रहें।

इस विजय दिवस पर हम सभी को गर्व और सम्मान के साथ अपने वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए और उनके बलिदान को हमेशा याद रखना चाहिए।

                                                                                                                       जय हिंद!

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