World Literacy Day 2024 : हर साल 8 सितंबर को दुनिया भर में ‘विश्व साक्षरता दिवस’ (World Literacy Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य शिक्षा और साक्षरता के महत्व को समझाना और इसे सभी के लिए सुलभ बनाना है। यूनेस्को द्वारा 1966 में इसकी स्थापना की गई थी और 1967 से इसे मनाना शुरू किया गया।
साक्षरता, जो किसी व्यक्ति की पढ़ने और लिखने की क्षमता को दर्शाती है, आधुनिक समाज में एक महत्वपूर्ण कौशल है। इसके बिना, कोई भी व्यक्ति अपनी क्षमता को पूरी तरह से नहीं समझ सकता और सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक रूप से पिछड़ सकता है।
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– 1966Literacy means?
– To able to Read and WriteTheme of International Literacy Day 2021?
– Literacy for a human-centred recovery: Narrowing the digital divide” pic.twitter.com/8ejTGrY183— GK for UPSC & TGPSC (@BORN4WIN) September 8, 2021
World Literacy Day पर साक्षरता का महत्व
साक्षरता केवल अक्षर और शब्दों को समझने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को बदलने की क्षमता रखती है। साक्षरता शिक्षा (World Literacy Day) का आधार है, और शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति अपने जीवन में बदलाव ला सकता है। शिक्षा से ही लोग अपने अधिकारों को समझ सकते हैं, उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास हो सकता है, और वे समाज में अपना योगदान दे सकते हैं।
साक्षरता के अभाव में व्यक्ति न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी पिछड़ सकता है। शिक्षा और साक्षरता के माध्यम से लोग गरीबी से बाहर निकल सकते हैं, स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर उपयोग कर सकते हैं, और उनके बच्चों के लिए भी बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
World Literacy Day पर दुनिया में साक्षरता की स्थिति
विश्व में साक्षरता दर में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी बहुत से लोग इस सुविधा से वंचित हैं। यूनेस्को के अनुसार, लगभग 773 मिलियन वयस्कों में से एक तिहाई से अधिक लोग साक्षरता के मूलभूत कौशल से वंचित हैं। इनमें से अधिकांश विकासशील देशों में रहते हैं, जहां गरीबी, सामाजिक असमानता, और अन्य कारकों के कारण शिक्षा प्राप्त करना कठिन है।
विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा से वंचित किया जाता है, जो लैंगिक असमानता का परिणाम है। समाज में यह महत्वपूर्ण है कि लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा के लिए समान अवसर प्रदान किए जाएं, क्योंकि वे न केवल अपने जीवन में सुधार ला सकती हैं, बल्कि उनके परिवारों और समुदायों पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
भारत में साक्षरता की स्थिति
भारत में साक्षरता दर में पिछले कुछ दशकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, लेकिन अब भी हमें लंबा रास्ता तय करना है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की साक्षरता (World Literacy Day) दर 74% थी, जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% और महिलाओं की 65.46% थी। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता दर अभी भी शहरी क्षेत्रों की तुलना में कम है।
भारत सरकार ने साक्षरता दर में सुधार के लिए कई योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की है। इनमें से एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘सर्व शिक्षा अभियान’ है, जिसका उद्देश्य सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कराना है। इसके अलावा, ‘मिशन साक्षर भारत’ जैसे कार्यक्रम भी चलाए गए हैं, जो वयस्कों की साक्षरता को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
World Literacy Day पर जानें शिक्षा में आनेवाली चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि साक्षरता दर में सुधार हो रहा है, फिर भी कई चुनौतियाँ हैं जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है। इनमें से कुछ चुनौतियाँ हैं:
गरीबी: गरीबी के कारण कई बच्चे और वयस्क शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। उन्हें या तो काम करने की आवश्यकता होती है या उनके पास शिक्षा के लिए संसाधन नहीं होते।
लैंगिक असमानता: महिलाओं और लड़कियों को अक्सर शिक्षा के समान अवसर नहीं मिलते, जो लैंगिक असमानता को और बढ़ावा देता है।
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सांस्कृतिक और सामाजिक बाधाएँ: कई समाजों में शिक्षा के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण होता है, जो साक्षरता के प्रसार में बाधक बनता है।
इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, और समाज के अन्य वर्गों को मिलकर काम करना होगा। शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना, स्कूलों और शिक्षण संस्थानों की संख्या बढ़ाना, और शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।
विश्व साक्षरता दिवस (World Literacy Day) हमें याद दिलाता है कि साक्षरता केवल एक व्यक्ति की जरूरत नहीं, बल्कि समाज की समग्र प्रगति के लिए आवश्यक है। यह दिवस हमें प्रेरित करता है कि हम शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक प्रयास करें ताकि हर व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार मिल सके और वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें।
साक्षरता के प्रसार के लिए हमें सभी स्तरों पर प्रयास करने की आवश्यकता है, चाहे वह व्यक्तिगत स्तर पर हो, समाज के स्तर पर हो, या सरकार के स्तर पर। तभी हम एक साक्षर और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं, जो सभी के लिए समान अवसर प्रदान करता है और जिसमें कोई भी व्यक्ति अज्ञानता के अंधकार में न फंसा रहे।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भूमिका
विश्व साक्षरता दिवस (World Literacy Day) के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एकजुट हो सकता है। विभिन्न देशों में साक्षरता के प्रयासों को साझा करना, अनुभवों से सीखना, और संसाधनों का आदान-प्रदान करना महत्वपूर्ण हो सकता है। वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है, और साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए एकजुट प्रयास महत्वपूर्ण हो सकता है।
अंततः, विश्व साक्षरता दिवस (World Literacy Day) एक ऐसा अवसर है जब हम सभी को मिलकर साक्षरता के महत्व को समझना चाहिए और इसे बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए।
एक साक्षर समाज ही एक स्वस्थ, खुशहाल और प्रगतिशील समाज का निर्माण कर सकता है। इसलिए, आइए हम सब मिलकर इस दिशा में अपने योगदान दें और एक साक्षर और समृद्ध दुनिया का सपना साकार करें।
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