World Nature Conservation Day : विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस (World Nature Conservation Day) हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के महत्व को उजागर करना है। इस दिन को मनाने के पीछे प्रमुख कारण है लोगों में जागरूकता बढ़ाना और उन्हें यह समझाना कि प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग और संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है।
इस दिन, विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जैसे वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान, जागरूकता रैलियाँ, कार्यशालाएँ, और सेमिनार। इसके साथ ही, सरकारें, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs), और स्थानीय समुदायों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न कदम उठाए जाते हैं।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर, हम सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए योगदान देना चाहिए। इससे न केवल वर्तमान पीढ़ी को लाभ होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सुरक्षित और स्वस्थ पर्यावरण की नींव रखी जा सकेगी।
The theme of World Nature Conservation Day 2023 is..
“Forests and Livelihoods: Sustaining People and Planet”.Recalling a few beautiful expressions on nature…one from an artist, another from a poet, a scientist and a spiritual guru…the same essence finding many… pic.twitter.com/lVjOM90c2z
— #Amazing Planet🌏 (@WonderVinod) July 28, 2023
What is World Nature Conservation Day History in hindi
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस इतिहास क्या हैं What is World Nature Conservation Day History
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस (World Nature Conservation Day) का इतिहास और इस दिन को मनाने के पीछे की प्रेरणा का संबंध प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने से है। हालांकि इस दिन की स्थापना की सही तारीख और प्रारंभिक घटनाएँ स्पष्ट रूप से दस्तावेज़ नहीं की गई हैं।
इसके पीछे के उद्देश्यों और महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण निम्नलिखित है:
प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा: विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारी जीवनशैली और क्रियाओं का पर्यावरण पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है।
जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकट: 20वीं और 21वीं सदी में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकट के बढ़ते खतरों के कारण, यह आवश्यक हो गया है कि हम सभी एकजुट होकर इस दिशा में कदम उठाएँ। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रयास: विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, जैसे संयुक्त राष्ट्र (UN), विश्व प्रकृति निधि (WWF), और अन्य पर्यावरणीय संगठनों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के प्रयास भी इस दिन को मनाने के पीछे की प्रेरणा हो सकते हैं।
स्थानीय और वैश्विक आयोजन: विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर विभिन्न देश और समुदाय स्थानीय और वैश्विक स्तर पर आयोजन करते हैं, जिनमें वृक्षारोपण, सफाई अभियान, जागरूकता कार्यक्रम, और अन्य गतिविधियाँ शामिल होती हैं। ये आयोजन पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हैं।
यद्यपि इस दिन की उत्पत्ति और इतिहास के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, परंतु इसका उद्देश्य और महत्व स्पष्ट है। यह दिन हमें अपनी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है और हमें प्रेरित करता है कि हम अपने पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सक्रिय भूमिका निभाएँ।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2024 थीम World Nature Conservation Day 2024 Theme
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2024 की थीम ‘भूमि पुनरुद्धार, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता‘। थीम हर साल बदलती है और पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है, जैसे कि जल संरक्षण, वायु गुणवत्ता, जैव विविधता, वन संरक्षण आदि।
World Nature Conservation Day theme list of last few years
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के पिछले कुछ सालों के थीम्स की एक संक्षिप्त सूची इस प्रकार है:
2023: “लोगों और ग्रह के लिए जैव विविधता में निवेश”
2022: “पुनःकल्पना करें, पुनः बनाएँ, पुनर्स्थापित करें”
2021: “पुनः कल्पना करें, पुनः बनाएं, पुनर्स्थापित करें”
2020: “प्रकृति के लिए समय”
2019: “वायु प्रदूषण को मात दें”
2018: “प्लास्टिक प्रदूषण”
2017: “लोगों को प्रकृति से जोड़ना”
2016: “जीवन के लिए जंगली बनो – अवैध वन्यजीव व्यापार के लिए शून्य सहनशीलता”
2015: “सात अरब सपने। एक ग्रह। सावधानी से उपभोग करें।”
World Nature Conservation Day (Ways to save nature conservation)
प्रकृति संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं। ये उपाय व्यक्तिगत स्तर पर भी किए जा सकते हैं और सामुदायिक, राष्ट्रीय, या वैश्विक स्तर पर भी। यहाँ कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं:
वृक्षारोपण: अधिक से अधिक पेड़ लगाना पर्यावरण संरक्षण के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। पेड़ वायु की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, जलवायु को नियंत्रित करते हैं और जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं।
पानी की बचत: पानी का सही तरीके से उपयोग करें और बर्बादी से बचें। पानी की बचत के लिए ड्रिप इरिगेशन, वर्षा जल संचयन और पानी पुनर्चक्रण जैसी तकनीकों का उपयोग करें।
ऊर्जा की बचत: ऊर्जा का कम उपयोग करें और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों, जैसे सौर और पवन ऊर्जा, का उपयोग बढ़ाएं। घर और ऑफिस में ऊर्जा बचाने के उपाय अपनाएं, जैसे ऊर्जा-प्रभावी बल्बों का उपयोग, उपकरणों को बंद रखना जब वे उपयोग में नहीं हों, आदि।
World Population Day 2024 Theme : जानें जनसंख्या पर नियंत्रण के उपाय
प्लास्टिक का कम उपयोग: प्लास्टिक के उपयोग को कम करें और पुन: प्रयोज्य बैग, बोतलें और कंटेनर का उपयोग करें। प्लास्टिक कचरे को सही तरीके से डिस्पोज़ करें और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा दें।
कचरे की सही निपटान: कचरे को सही तरीके से अलग करें और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा दें। जैविक कचरे को खाद बनाने के लिए उपयोग करें और गैर-जैविक कचरे को पुनर्चक्रित करें।
वन्यजीव संरक्षण: वन्यजीवों की सुरक्षा करें और उनके आवास की रक्षा करें। अवैध शिकार और अवैध व्यापार को रोकें और संरक्षित क्षेत्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें।
पर्यावरण शिक्षा: लोगों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षित करें। स्कूलों, कॉलेजों, और समुदायों में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें।
पर्यावरण के अनुकूल परिवहन: सार्वजनिक परिवहन, साइकिल चलाने, और पैदल चलने को प्रोत्साहित करें। इलेक्ट्रिक वाहनों और कारपूलिंग का उपयोग बढ़ाएं।
सस्टेनेबल खेती: कृषि में सस्टेनेबल प्रथाओं का पालन करें, जैसे जैविक खेती, फसल चक्रीकरण, और पानी का सही उपयोग।
नीतियों और कानूनों का समर्थन: सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाई गई नीतियों और कानूनों का समर्थन करें और उनके पालन में योगदान दें।
इन उपायों को अपनाकर हम सभी पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और प्रकृति को सुरक्षित और संरक्षित रख सकते हैं।
भारत में प्रकृति संरक्षण को बचाने के लिए काम करने वाले NGOs NGOs working to save nature conservation in India
भारत में प्रकृति संरक्षण के लिए काम करने वाले कई प्रमुख गैर-सरकारी संगठन (NGOs) हैं। ये संगठन पर्यावरण संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण, जल संसाधनों की रक्षा, और टिकाऊ विकास पर कार्यरत हैं।
यहाँ कुछ प्रमुख NGO के नाम दिए गए हैं:
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) इंडिया: यह संगठन वन्यजीवों और उनके आवासों की सुरक्षा के लिए काम करता है।
ग्रीनपीस इंडिया: यह पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, और जैव विविधता को बचाने के लिए सक्रिय है।
ट्रैफिक इंडिया: यह वन्यजीव तस्करी को रोकने और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए काम करता है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE): यह संगठन पर्यावरण शिक्षा, शोध और जागरूकता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में योगदान देता है।
वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI): यह संगठन वन्यजीवों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा के लिए कार्य करता है।
संजय गांधी नेशनल पार्क (SGNP): यह पार्क और उसमें कार्यरत संगठन वन्यजीवों और प्रकृति संरक्षण के लिए काम करते हैं।
फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी (FES): यह संगठन सामुदायिक वन प्रबंधन और जैव विविधता संरक्षण के लिए कार्यरत है।
नदी बचाओ आंदोलन: यह आंदोलन नदियों की सफाई और संरक्षण के लिए कार्यरत है।
ये NGOs न केवल संरक्षण के कार्य करते हैं बल्कि समुदायों को जागरूक करने और सरकारी नीतियों में बदलाव लाने के लिए भी प्रयासरत रहते हैं।
प्रकृति संरक्षण को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें समझना होगा कि प्रकृति हमारी संवेदनशीलता का हिस्सा है और हमारी स्थायी सुरक्षा और समृद्धि के लिए इसका रख-रखाव करना हमारी जिम्मेदारी है।
ये भी पढ़े:-Somnath Jyotirlinga Temple : जानें इस मंदिर से जुड़े कुछ रोचक कहानी