Education: भारत में कुछ ऐसे गांव हैं जो कभी यहां के निवासियों से गुलजार हुआ करती थी. इन गांवों में लोग पहले रहा करते थे मगर यह गांव आज वीरान पड़े हैं, और कहा जाता है कि जैसे-जैसे समय बीतता गया यहां भूतों का डेरा बनता गया। अब आलम यह है कि शाम होते ही यहां एक भी इंसान रुकना नहीं चाहता और उसकी वजह है डर। लोगों का कहना है कि इन गांवों में ऐसी अजीबोगरीब घटनाए देखी गई हैं, जिनकी वजह से लोगों के जेहन में डर बैठ गया है।
आज आपको बताते हैं हमारे भारत की ऐसी ही 10 रहस्यमई और डरावनी गांवों के बारे में:-
1. दुर्गापुर:- झारखंड में मौजूद इस गांव को दुर्गापुर के नाम से जाना जाता है इस गांव के लोग होली पर रंग नहीं खेलते क्योंकि उनका मानना है कि ऐसा करने से गांव में भयंकर महामारी और आपदा आ जाएगी कहा जाता है।
आज भी 9000 की आबादी वाले इस गांव के लोग अपने मरे हुए राजा के आदेशों का पालन करते हैं और इस डर से सहमे हुए रहते कि अगर उन्होंने राजा के आदेशों का पालन नहीं किया तो उनका भूत गांव में आकर तबाही मचा देगा। आज से लगभग 300 साल पहले इस गांव में दुर्गा प्रसाद नामक राजा का शासन था और उस राजा को होली का त्यौहार बेहद पसंद था।
एक रोज होली के दिन उनके बेटे की मौत हो गई उसके बाद से जब भी यहां पर होली का त्यौहार मनाया जाता तो या तो यहां सूखा पड़ जाता नहीं तो कोई महामारी फैल जाती है। इसीलिए उस राजा ने होली नहीं मनाने का आदेश दिया और तब से इस गांव में होली मनाना बंद हो गया।
इस गांव के लोग आज भी राजा के आदेश का पालन कर रहे हैं क्योंकि इत्तेफाक देखिए कि जिस राजा ने गांव की भलाई के लिए यह नियम बनाया उस राजा की भी मौत होली के दिन ही हो गई। इसके बाद लोगों का डर और मजबूत हो गया और होली इस गांव के लिए मनहूस हो गई।
2. वैना ग्राम द विलेज ऑफ घोस्ट:- यह गांव भारत के पश्चिम बंगाल में है और इस गांव में जाने के नाम मात्र से ही अच्छे-अच्छे की रूह कांप जाती है हालांकि यहां के घरों से हमें यह मालूम पड़ता है कि यह पहले एक फलता फूलता गांव रहा होगा जहां कभी लोग खुशी-खुशी रहा करते होंगे। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि इस गांव के सभी लोगों ने धीरे-धीरे इस गांव को छोड़ दिया और आज यहां कोई नहीं रहता है।
आखिरकार क्यों इस गांव को भूतिया माना जाता है। कहा जाता है कि एक समय पर यह गांव अपराध और अपराधियों का गढ़ बन गया था, यहां से गुजरने वाली रेलवे लाइन पर यहां के लोगों को आए दिन कोई ना कोई लाश मिलती रहती थी। दूरस्थ स्थान होने के कारण अपराधी कत्ल किए हुए लाश को यहां पर फेंक दिया करते थे जिससे यहां के लोगों को हर सुबह उठकर कोई ना कोई लाश का मुंह देखना पड़ता था।
कहा जाता है कि धीरे-धीरे इस गांव में रहने वाले लोगों का पैरानॉर्मल घटनाओं से भी सामना होने लगा और यह घटनाएं गांव में तेजी से बढ़ने लगी। इस गांव के लोगों में इतनी दहशत बैठ गई कि सूरज ढलते ही घर से कोई बाहर नहीं निकलता और इस पूरे ही गांव के लोग भटकती आत्माओं को देखने का दावा करने लगे।
इस गांव में कई हत्याएं भी होने लगी थी जिसका कारण लोग भूत बताते थे। लोगों का मानना था कि यह उन्हीं फेंकी गई लाशों की आत्मा का काम है। वही अनजान लाशों की आत्माएं यहां के लोगों को मार रही है फिर बाकी जिंदा बचे लोग गांव छोड़ के चले गए।
3. तैमारा घाटी :- तैमारा घाटी इस जगह को लेकर फिलहाल लोगों में काफी विवाद है। किसी ने मैग्नेटिक पत्थरों को कारण बताया तो किसी ने यहां ज्यादा टावर लगे होने का कारण बताया वहीं किसी ने टाइम ट्रेवल कह डाला तो किसी ने अंधविश्वास बता डाला।
यह जगह झारखंड के मोस्ट हॉन्टेड एनएच 333 मार्ग पर स्थित है दरअसल बात यह है कि झारखंड में मौजूद यह जगह भारत का बरमूडा ट्रंगल माना जाता है क्योंकि यहां पर आने के बाद लोगों का जो फिजिकल कंपास है वह सही डायरेक्शन बताने के बजाय इधर-उधर घूमने लगता है कहा जाता है कि इस जगह पर जाने के बाद लोगों के मोबाइल का समय भी बदल जाता है यहां पर जाते ही लोगों के मोबाइल में साल कभी दो साल आगे बताएगा तो कभी 4 साल आगे बताएगा AM/PM में हो जाएगा और PM/AM में हो जाएगा।
मगर कहां जाता है कि ऐसा हमेशा नहीं होता इसलिए ना मानने वाले लोग यहां आकर ऐसा ना होने का दावा भी कर देते हैं और इसलिए इस जगह को लेकर सोशल मीडिया पर आपको दो तरह के दावे मिलेंगे जिसमें इस बात को किसी में सच करके दिखाया जाएगा तो किसी में झूठ साबित करके दिखाया जाएगा। ऐसा लगभग हर मिस्टीरियस घटना को लेकर होता है।
मेरे जानकारी के अनुसार झारखंड के फेमस हॉन्टेड एनएच 3 मार्ग पर स्थित इस जगह की रहस्यमय कहानी यही है। यदि आपके पास इस जगह को लेकर कोई स्पेशल जानकारी है, तो कमेंट में शेयर करें।
4. मलाणा :- हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बसा मलाना गांव अपने आप में ही रहस्यमय और दिलचस्प है। सबसे पहली बात आपको यहां पर कुछ भी छूने की इजाजत नहीं है। आप यहां पर कुछ भी छू नहीं सकते इसके पीछे का कारण यह है कि यहां के लोग अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं।
ऐसे में किसी बाहरी इंसान ने अगर उनके घर मंदिर यहां तक की दुकान को भी छू लिया तो वहां के निवासी उन पर 1000 से 2000 तक के जुर्माना लगा देते हैं। इनका अपना नियम है जिसे यहां के लोग बेहद ही सख्ती से पालन करते हैं। इनका मानना है कि नियम कानून को तोड़ने से उनके देवता नाराज हो जाएंगे। जिसके प्रकोप से उनका गांव पूरा तबाह हो जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि यहां के लोग जमल ऋषि की पूजा करते हैं। इस गांव के इतिहास के मुताबिक इस गांव में जीतने भी नियम कानून है उसे जमल ऋषि के द्वारा ही बनाया गया था। इस गांव का लोकतंत्र पूरे दुनिया का सबसे प्राचीन लोकतंत्र में से एक है उनका लेख पुराणों में भी आता है।
इसके अलावा भी यहां के लोगों के बेहद अजीबोगरीब मान्यता है कुछ कहते हैं कि वह सिकंदर के वंशज हैं और कुछ खुद को आर्यों का वंशज मानते हैं। यहां बोली जानी वाली भाषा भी प्राचीन काल की है,आप ऐसा कह सकते है की ये लोग 21वीं शताब्दी में रहकर भी अपने बोलचाल में प्राचीन भाषा का ही उपयोग करते है।
5. स्वाला गांव:- उत्तराखंड के चंपावत में आने वाला स्वाला गांव जिसे घोस्ट विलेज के तौर पर जाना जाता है कहते हैं यहां सेना के आठ जवानों के भूत घूमते हैं जो गांव में किसी को बसने नहीं देते एक वक्त था जब स्वाला गांव में खूब चहल पहल हुआ करती थी।
सन 1952 में हुई एक घटना के बाद सब बदल गया, इस गांव को छोड़कर भागे निवासियों के अनुसार सालों पहले इस गांव के पास से सेना के जवानों की एक गाड़ी गुजर रही थी। तभी गाड़ी खाई में गिर गई उस गाड़ी में सेना के आठ जवान थे और उन्हीं आठ जवानों की आत्मा आज यहां भटकती है जो किसी को भी यहां बसने नहीं देते।
6. शनि शिंगणापुर:- महाराष्ट्र शनि शिंगणापुर यह गांव अहमदनगर जिले के नेवसे तहसील में है और घोर गांव से 5 किमी दूर स्थित है। इस गांव का प्रसिद्ध मंदिर श्री शनेश्वर देवस्थान है। जिसके कारण इस गांव का नाम शनि शिंगणापुर पड़ा है।
शनि शिंगणापुर गांव की आबादी करीब 3000 है और इस गांव की लोकप्रियता यह है कि यहां विश्व प्रसिद्ध शनिदेव मंदिर है। इस गांव की दूसरी लोकप्रियता यह है कि इस गांव के किसी भी घर में दरवाजा नहीं है इस गांव के लोगों के घरों में अलमारी सूटकेस आदि नहीं होते हैं वे अपना कीमती सामान बैग या बक्सों में रखते हैं। इस गांव में आने वाले शनिदेव के भक्त कभी भी अपने वाहनों को बंद नहीं करते हैं। यहां का मेला कितना भी बड़ा क्यों ना हो इस गांव से कभी भी कोई कीमती सामान या वाहन चोरी नहीं हुआ है।
जानकारी के लिए बता दूं कि शनि शिंगणापुर में कोई थाना भी नहीं है।ताज्जुब की बात यह है कि चोर खुला माल होने पर भी चोरी नहीं करता और अगर चोर चोरी करता है तो वह इस गांव से बाहर नहीं जा पाता है। गांव के लोग शनिदेव की पूजा करते हैं इसलिए कहा जाता है कि शनिदेव की असीम कृपा यहां के निवासियों पर बनी रहती है।
7. कुलधरा:- इस गांव से बहुत से लोग वाकिफ होंगे मगर बता दूं कि राजस्थान अपने भीतर कई रहस्य समेटे हुए हैं और उन्हीं में से एक यह गांव भी है जैसलमेर का कुलधरा गांव। लगभग 200 साल पहले इस गांव के सभी निवासी रातों-रात इस गांव को छोड़ कर के चले गए थे।
इस गांव के वीरान होने के पीछे दो कहानियां प्रचलित है पहली कहानी यह है कि यहां के राजा सालन सिंह की बुरी नजर गांव की एक खूबसूरत लड़की पर पड़ गई वह जबरदस्ती उस लड़की से शादी करने का दबाव गांव वालों पर बनाने लगा और गांव वालों पर अत्याचार करने लगा था। इस गांव के लोगों को अपने सम्मान और गौरव के खिलाफ इस तरह की शादी मंजूर नहीं थी जिससे परेशानी यह थी कि राजा का अत्याचार बढ़ता जा रहा था।
फिर ऐसे में इस गांव के मुखिया ने फैसला लिया कि मुखिया समेत गांव के पूरे लोग रातों-रात इस गांव को छोड़कर चले जाएंगे। कहा जाता है कि जाते-जाते यहां के लोगों ने इस गांव को श्राप दे रखा कि कोई भी यहां बस नहीं पाएगा। तब से लेकर आज तक इस गांव में जिसने भी बसने के इरादे से कदम रखा उसको रहस्यमय शक्तियों का एहसास होने लगता है। यह गांव आज भी रूहानी ताकतों के कब्जे में है।
कुछ लोग यहां के लोगों के गांव छोड़कर जाने की बात को नहीं मानते हैं उनका कहना है कि यहां के लोगों ने गांव छोड़ा नहीं था बल्कि वे रहस्यमई तरीके से गायब हुए थे, उन्हीं की आत्मा आज यहां भटकती है। टूरिस्ट प्लेस में बदल चुके कुलधरा गांव घूमने आने वालों के मुताबिक यहां रहने वाले पालीवाल ब्राह्मणों की आहट आज भी सुनाई देती है। उन्हें वहां हर पल ऐसा अनुभव होता है कि कोई आसपास चल रहा है।
बाजार की तरह चहल पहल की आवाजें आती हैं, महिलाओं के बात करने और उनकी चूड़ियों और पायलों की आवाज हमेशा ही आती रहती है। कहानी कुछ भी हो लेकिन आज तक इस गांव में कोई बस नहीं पाया। आज भी इस गांव के दुकान घर मंदिर सभी खंडहर बने हुए हैं और यह जगह वीरान पड़ा है। प्रशासन ने इस गांव के सरहद पर एक फाटक बनवा दिया है जिसके पार सैलानी दिन में तो घूमने आते हैं, रात में इस फाटक को पार करने की कोई कोशिश भी नहीं करता हैं।
8. कोडिन्ही गांव :- यह गांव केरल में मौजूद है और इस गांव की सबसे रहस्यमय बात यह है कि इस गांव में जितने भी बच्चे जन्म लेते हैं सभी जुड़वा होते हैं। इसी कारण से यहां पर हर जगह आपको हमसक्ल लोग दिखाई देंगे।
कोडिन्ही गांव में जन्मे इतने जुड़वा बच्चों की वजह से इस जगह को ट्विंस टाउन के नाम से भी जाना जाता है। इस गॉव में ऐसा क्यों होता है इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है ,यह अब तक कोई नहीं बता पाया है।
9. मतु गांव :- संस्कृत स्पीकिंग विलेज मतु गांव कर्नाटक में मौजूद है। यहां जाने के बाद आपको ऐसा लगेगा कि आप प्राचीन भारत में जा चुके हो ,क्योंकि इस गांव में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी संस्कृत बोलते हुए दिखेंगे।
इस गांव के सभी लोग संस्कृत में बात करते हैं और इनको शिक्षा भी संस्कृत में ही दी जाती है। यहां पर बच्चों को वेद पुराण जैसे असली जिंदगी से परिचित कराने वाले सभी ग्रंथों की शिक्षा दी जाती है। और यहां पर सभी लोग आज भी धोती कुर्ता पहनते हैं।
10. जतिंगा गांव :- ढाई हजार की आबादी वाला यह गांव जतिंगा पक्षी आत्महत्याओं की अस्पष्ट कृत घटना के लिए जाना जाता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक चिड़िया के आत्महत्या करने का पैटर्न भी बहुत अजीब है,वह तेज रफ्तार से उड़ती हैं इसके बाद वह किसी पेड़ या दीवार से टकरा जाती है।
जिससे उनकी मौत हो जाती है। पुरे साल के मुताबिक सितंबर से लेकर नवंबर तक इस तरह की घटनाओं में काफी ज्यादा बढ़ोतरी होती है। वहीं ज्यादातर मामलों में चिड़ियां शाम के 7:00 बजे से रात 10 बजे के बीच अपनी जान देती हैं। स्थानीय लोग पक्षियों की ऐसे मौत के पीछे का कारण भूतों और कई अलौकिक ताकतों को बताते हैं। गांव वालों के मुताबिक यहां पर कुछ बुरी शक्तियां हैं जिस वजह से चिड़ियां अपनी जान देती हैं।
लेकिन विज्ञान के हिसाब से बताया जाता है कि तेज बारिश होने की वजह से जब पक्षी यहां से उड़ने की कोशिश करते हैं, वह गीले हो जा आते हैं और उन्हें उड़ने में दिक्कत होती है फिर तेज हवाओं की वजह से उनका संतुलन बिगड़ जाता है। वह टकरा कर गिर जाते हैं और वहीं दम तोड़ देते हैं। वैसे अब इसमें लोगों की मान्यताएं सच हैं या वैज्ञानिक तर्क, इस पर फिलहाल विवाद बहुत ज्यादा है।
इसी तरह स्कॉटलैंड में एक ब्रिज है वहां पर पहुंचकर कुत्ते सुसाइड कर लेते हैं वैज्ञानिकों ने कई बार इस रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश की की लेकिन वह नाकामयाब रहे है। इस ब्रिज के पास रहने वाले स्थानीय लोगों के मुताबिक 1950 के आसपास यह पुल बनकर तैयार हुआ था। जिसके बाद से यहां ऐसी घटनाएं हो रही हैं। जिन कुत्तों ने जान दी उनके मालिकों के मुताबिक जब वह वहां पर गए थे तो उनके पालतू जानवर नॉर्मल थे लेकिन फिर अचानक उन्होंने ऊपर से छलांग लगा दी।
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