Amarnath Yatra 2024 : अमरनाथ यात्रा 2024 की तैयारी में जुटे श्रद्धालुओं की इंतजार खत्म होने वाला है, क्युकी 2024 अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होने वाला हैं।
यह यात्रा हिन्दू धर्म के सभी यात्राओं में सबसे खास है। यह भगवान शिव के बर्फानी रूप की पूजा होती हैं। यहां शिवलिंग के रूप में हिम का प्राकृतिक रूप से बनने वाला शिवलिंग देखने को मिलता है। यह गुफा 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहाँ तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कठिन यात्रा करनी पड़ती है।
सभी यात्री को इस यात्रा पर जाने से पहले श्रद्धालुओं का अग्रिम पंजीकरण जरूरी है, जो 15 अप्रैल 2024 से शुरू हो चूका हैं। यात्रा पर जाने के इच्छुक श्रद्धालु आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर पंजीकरण करा सकते हैं। इसके अलावा मोबाइल एप्लिकेशन श्री अमरनाथजी यात्रा से भी रजिस्ट्रेशन हो सकता है।
अमरनाथ यात्रा 2024 इस बार 29 जून से शुरू हुआ। यात्रा इस बार 40 दिन की ही होगी और 19 अगस्त 2024 को यह समाप्त हो जाएगी। अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद पवित्र गुफा से रोज सुबह और शाम की आरती का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा। सभी श्रद्धालु वेबसाइट और ऐप के जरिए आरती में शामिल हो सकते हैं।
Traffic Advisory For Shri Amarnath Ji Yatra-2024 #TrafficAdvisory #ShriAmarnathYatra2024 pic.twitter.com/rumZNEGbRR
— Greater Kashmir (@GreaterKashmir) June 27, 2024
Mythological story related to Amarnath Yatra in hindi
अमरनाथ यात्रा से जुड़ी पौराणिक कथा Mythological story related to Amarnath Yatra 2024
पौराणिक कथा:
अमरनाथ गुफा से जुड़ी एक प्राचीन पौराणिक कथा है। कहते हैं कि भगवान शिव ने अपनी पत्नी पार्वती को अमर कथा (अमरता का रहस्य) सुनाने के लिए इस गुफा का चयन किया था।
कथा का विवरण:
एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा कि वे अमर क्यों हैं, जबकि सभी अन्य जीव-मृत्यु के चक्र में फंसे हैं। इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए भगवान शिव ने एक निर्जन और सुरक्षित स्थान की तलाश की ताकि कोई अन्य जीव इस रहस्य को न सुन सके। इस खोज में वे इस गुफा तक पहुंचे।
गुफा तक पहुंचने के दौरान, भगवान शिव ने अपने सभी महत्वपूर्ण प्रतीकों को अलग-अलग स्थानों पर छोड़ दिया। उदाहरण के लिए, उन्होंने अपने वाहन नंदी बैल को पहलगाम में छोड़ा, चंद्रमा को चंदनवारी में छोड़ा, साँपों को शेषनाग में छोड़ा, पुत्र गणेश को महागुणस पर्वत पर छोड़ा, और पंचतत्वों को पंजरतरिणी में छोड़ा।
गुफा के अंदर पहुँचकर, भगवान शिव ने अपनी पत्नी पार्वती को अमरता का रहस्य सुनाया। लेकिन इस दौरान एक कबूतर का जोड़ा भी वहां उपस्थित था और उन्होंने यह कथा सुन ली। इस प्रकार, वे भी अमर हो गए और कहा जाता है कि आज भी गुफा में उन कबूतरों का जोड़ा देखा जा सकता है।
अमरनाथ की यात्रा जाने का रूट Route to visit Amarnath Yatra 2024
अमरनाथ यात्रा के लिए दो मुख्य रूट्स हैं: पहलगाम रूट और बालटाल रूट। दोनों रूट्स की अपनी खासियतें और चुनौतियां हैं। यहां दोनों रूट्स का विवरण दिया गया है।
1.यात्रा का विवरण पहलगाम रूट: Amarnath Yatra 2024
यह रूट पारंपरिक और लंबा है, लेकिन अधिक सुविधाजनक माना जाता है।
पहलगाम (Pahalgam):
जम्मू से पहलगाम की दूरी: लगभग 315 किमी (सड़क मार्ग से)
पहलगाम एक सुंदर हिल स्टेशन है और यहां से यात्रा की शुरुआत होती है।
चंदनवाड़ी (Chandanwari):
पहलगाम से दूरी: 16 किमी (सड़क मार्ग से)
यह यात्रा का पहला पड़ाव है।
पिस्सू टॉप (Pissu Top):
चंदनवाड़ी से दूरी: लगभग 3 किमी
यह चढ़ाई का कठिन भाग है।
शेषनाग (Sheshnag):
पिस्सू टॉप से दूरी: 9 किमी
यह एक सुंदर झील है, जहाँ यात्री रात को विश्राम कर सकते हैं।
महागुणस टॉप (Mahagunas Top):
शेषनाग से दूरी: 4.6 किमी
यह रूट का सबसे ऊँचा बिंदु है।
पंजरतरिणी (Panchtarni):
महागुणस टॉप से दूरी: 9 किमी
यहाँ से गुफा की दूरी केवल 6 किमी रह जाती है।
अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave):
पंजरतरिणी से दूरी: 6 किमी
यहाँ शिवलिंग के दर्शन किए जाते हैं।
2. यात्रा का विवरण बालटाल रूट: Amarnath Yatra 2024
यह रूट छोटा और सीधा है, लेकिन कठिन और चुनौतीपूर्ण माना जाता है।
बालटाल (Baltal):
जम्मू से बालटाल की दूरी: लगभग 400 किमी (सड़क मार्ग से)
यह रूट की शुरुआत का बिंदु है।
डोमेल (Domel):
बालटाल से दूरी: लगभग 2 किमी
यहाँ से चढ़ाई शुरू होती है।
बरारीमार्ग (Bararimarg):
डोमेल से दूरी: लगभग 6 किमी
यहाँ यात्रियों के लिए विश्राम स्थल हैं।
संगम (Sangam):
बरारीमार्ग से दूरी: 4 किमी
यहाँ से दोनों रूट्स मिलते हैं।
अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave):
संगम से दूरी: 2 किमी
यहाँ शिवलिंग के दर्शन किए जाते हैं।
गाइड और पोर्टर: मार्गदर्शन के लिए स्थानीय गाइड और सामान ढोने के लिए पोर्टर की सेवाएं ले सकते हैं।
अमरनाथ की यात्रा से पहले कर लें ये तैयारी Make these preparations before Amarnath Yatra 2024
अमरनाथ यात्रा एक कठिन और चुनौतीपूर्ण तीर्थ यात्रा है, जिसके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना बहुत महत्वपूर्ण है। यहां कुछ महत्वपूर्ण तैयारी के सुझाव दिए गए हैं जो आपको यात्रा के दौरान मदद करेंगे:
शारीरिक तैयारी:
व्यायाम और फिटनेस: यात्रा शुरू करने से कम से कम एक महीने पहले नियमित रूप से व्यायाम करें। पैदल चलना, दौड़ना, और सीढ़ियां चढ़ना आपके सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करेंगे।
योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम से शारीरिक और मानसिक मजबूती प्राप्त करें। यह आपकी श्वसन क्षमता को बढ़ाएगा और उच्च ऊंचाई पर सांस लेने में मदद करेगा।
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आवश्यक सामान:
कपड़े: उचाई पर होने के कारण यहाँ का मौसम हमेशा बदलते रहता हैं। इस लिए गर्म कपड़े, जैसे कि जैकेट, स्वेटर, दस्ताने, टोपी और ऊनी मोजे लेना न भूले । यह का मौसम में अचानक बदलाव हो सकता है, इसलिए हल्के और गर्म दोनों प्रकार के कपड़े साथ रखें।
जूते: मजबूत और आरामदायक ट्रेकिंग जूते, जो पानी प्रतिरोधी हों। अतिरिक्त जूते और चप्पल भी साथ रखें।
बरसाती और छाता: बरसात के मौसम में यात्रा होती है, इसलिए बरसाती और छाता साथ रखें।
चिकित्सा तैयारी:
मेडिकल किट: प्राथमिक चिकित्सा किट में बैंड-एड, दर्द निवारक, एंटीसेप्टिक क्रीम, दस्त और उल्टी की दवाइयां, और कोई भी अन्य जरूरी दवाइयां शामिल करें।
हाइट सर्टिफिकेट: यह यात्रा ऊंचाई पर होती है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आपके पास डॉक्टर द्वारा दिया गया फिटनेस सर्टिफिकेट हो।
ध्यान दें: उच्च ऊंचाई पर होने वाली समस्याओं, जैसे कि AMS (Acute Mountain Sickness), के लक्षणों की जानकारी रखें और उनसे बचने के उपाय करें।
यात्रा के दस्तावेज़:
पहचान पत्र: आप आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट या कोई अन्य सरकारी पहचान पत्र साथ रखें।
यात्रा परमिट: अमरनाथ यात्रा के लिए यात्रा परमिट अनिवार्य है। इसे प्राप्त करना और अपने साथ रखना सुनिश्चित करें।
अन्य तैयारी:
भोजन और पानी: अपने साथ हल्का और पौष्टिक भोजन, जैसे कि सूखे मेवे, एनर्जी बार, और पानी की बोतलें रखें। ऊंचाई पर डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीते रहें। आप भुने चने, मखाना, सीड्स, ड्राई फ्रूट्स, चॉकलेट भी खाने के लिए रख सकते हैं।
टॉर्च और बैटरी: यह यात्रा लम्बी दुरी का हैं इसलिए आप अपने साथ टॉर्च और अतिरिक्त बैटरी साथ रखें, खासकर यदि आप रात में यात्रा कर रहे हों।
पैसे: आप अपने पास नकद पैसे रखे। यहाँ आपका एटीएम/डेबिट कार्ड नहीं काम करेगा। ऊंचाई पर एटीएम की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकती।
मानसिक तैयारी:
धैर्य और समर्पण: यह यात्रा शारीरिक के साथ-साथ मानसिक धैर्य की भी मांग करती है। सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखें और ईश्वर में आस्था रखें।
योग और ध्यान: योग और ध्यान से मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्राप्त करें।
यात्रा के दौरान सावधानी और तैयारी बरतने से आपकी यात्रा सुरक्षित और सुखद हो सकती है।
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