Surjeet Patar Passes Away: अपने पूरे जीवन साहित्य को समर्पित करने वाले पंजाबी कवि और लेखक सुरजीत पातर का 79 साल की उम्र में निधन हो गया है ।सुरजीत पातर के निधन पर देश के सभी लोगो ने दुःख व्यक्त किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता सहित कांग्रेस के भी नेताओं ने दुःख प्रकट किया।
पद्मश्री से सम्मानित पंजाबी कवि सुरजीत पातर (Punjabi poet Surjit Patar) का शनिवार सुबह लुधियाना की बरेवाल कॉलोनी में उनके आवास पर निधन हो गया। परिवार के लोगो का कहना है कि सुरजीत रात को ठीक ठाक सोए थे, सुबह नहीं उठे।
सुरजीत पातर का जन्म 14 जनवरी 1941 को जालंधर जिले के गांव पत्तड़ कलां में हुआ था। सुरजीत पत्तड़ कलां गांव के स्कूल में चौथी कक्षा तक की पढ़ाई की। इसके बाद दूसरे गांव खैरा माझा से हाईस्कूल तक की पढ़ाई की। जीएनडीयू से स्नातक के बाद पंजाब के नामवर कवि व साहित्यकार बने।
प्रसिद्ध पंजाबी लेखक और कवि पद्मश्री सुरजीत पातर का दिल का दौरा पड़ने से निधन #PunjabiWriter #SurjeetPatar via @Legendnewsin https://t.co/hi7O3qOsUA
— LEGEND NEWS (@LegendNewsin) May 11, 2024
2012 में मिला था पद्मश्री पुरस्कार(Received Padmashree Award in 2012)
सुरजीत पातर ने अपने जीवन में हवा विच लिखे हर्फ, हनेरे विच सुलगदी वरनमाला, पतझर दी पाजेब, लफजान दी दरगाह और सुरजमीन जैसे काव्य लिखे। साल 2012 में साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में सुरजीत पातर को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।सोमवार को उनके बेटे के आस्ट्रेलिया से लौटने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। सुरजीत के शव को डीएमसी की मोर्चरी में रखवा दिया गया है।
नेताओं ने जताया शोक(Leaders expressed grief)
पातर के निधन पर पंजाब के नेताओं ने शोक जताया है। सीएम भगवंत मान ने एक्स पर लिखा-पंजाबी भाषा के गौरवशाली सपूत सुरजीत पातर के अचानक निधन पर बेहद दुख है।
पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पातर के निधन को एक युग का अंत बताया और उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना जताई। कैप्टन ने कहा कि पंजाब ने आज एक आइकन खो दिया है।
पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने पोस्ट किया- पंजाबी मातृभाषा की सेवा करके उसे विश्व मानचित्र पर चमकाने वाले हमारे प्रिय पद्मश्री सुरजीत पातर का निधन अत्यंत दुखद है। यह पंजाबी साहित्य के लिए एक अपूरणीय क्षति भी है। इस दुःख की घड़ी में परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उस महान आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।
सुरजीत पातर के निधन के बाद पंजाबी साहित्य का एक युग की समाप्ति हो गई। परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
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