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World Five Mysterious WellsWorld Five Mysterious Wells

World Five Mysterious Wells: ये दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। आज हम आप सभी को इस दुनिया के कुछ रहस्यमय कुआँ के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसकी कहानी सुनने के बाद आप दंग हो जायेगे।

1. विलु तीर्थम कुने का रहस्य :- रामेश्वरम के खारे पानी के नीचे छिपा मीठे पानी का कुआं विलु तीर्थम कुन्ने का रहस्य भी काफी लोकप्रिय है। रामेश्वरम के समुद्र के खारे पानी भी कुएं के मीठे पानी को खारा नहीं कर पाया। विलु थर्म कुमे का पानी आज भी मीठा है पीने लायक है। खारे पानी के बीच 30 फुट गहरे कुएं से निकला मीठा पानी अद्भुत और चमत्कार से कम नहीं है।

इसके चमत्कार को लेकर कहा जाता है कि यह कुआं भगवान श्री राम ने बनाया था। मान्यताओं के अनुसार जब माता सीता को प्यास लगी थी और रामेश्वरम का पानी खारा था इसीलिए भगवान श्री राम ने एक तीर से यहां पर एक कुएं का निर्माण किया जिसमें से मीठा व शुद्ध पानी निकलने लगा था। यह कुआं आज भी रामेश्वरम के तट पर मौजूद है।

2. जैकब वेल :- अमेरिकी प्रांत टेक्सास के विंबरले में एक ऐसा कुआं है जिसे दुनिया के सबसे खतरनाक प्लेसेस में शुमार किया जाता है इस कुएं को जैकब वेल के नाम से जाना जाता है। इस कुएं के अंदर गहरी गुफा मौजूद हैं। कई मौतों के बावजूद भी लोग यहां छलांग लगाने आते हैं।

हालाकि ज्यादा गहराई तक जाने का रिस्क कोई भी नहीं लेता है कहा जाता है कि शंकरे मुंह वाली इस कुएं के अंदर एक गुफा है। जिसमें जाने के बाद ज्यादातर लोग भटक जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है। अब तक कई लोग इस गुफा की सैर करने जा चुके हैं। लेकिन जिंदा मात्र आठ लोग ही लौट सके हैं। गहराई के साथ ही कुएं की चौड़ाई बढ़ती चली जाती है।

जानकारों की माने तो ऊपर से यह कुआं 10 मीटर गहरा है और इसका डायमीटर सिर्फ 12 फीट का है। 10 मीटर की गहराई के बाद यह दो हिस्सों में बंट जाती हैं और 40 मीटर गहरी हो जाती है। इस कुएं का पहला चेंबर 30 फीट गहरा है जहां सूर्य की रोशनी भी आती है। वहीं दूसरा चेंबर 80 फीट गहरा है। दूसरे चेंबर से एक तीसरा चेंबर भी निकला है।

फिलहाल पहले चेंबर के बाद डाइवर के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस कुआँ में पहली मौत 1983 में हुआ था। सन 1983 में साउथ वेस्ट टेक्सास स्टेट यूनिवर्सिटी के छात्र रिचर्ड पैटन की मौत इस कुएं में नहाने से हो गई थी। कहा जा है कि वह काफी गहराई तक चला गया था।

इसके बाद भी कई लोगों ने गुफा के अंदर जाने का जोखिम उठाया। जिनमें से ज्यादातर लोगों की मौत हो गई हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि एक तैराक आदमी ने 1850 में इस कुएं वाली गुफा को पहली बार ढूंढा था।

3. चंद्रक कूप :- यह कुआँ मौत की डेट बताता है। इस कुआं में लोग दूर-दूर से झांकने आते हैं। लोगों की परछाई से जुड़ा है इसका रहस्य। भारत के लोगों में धर्म के प्रति काफी आस्था है। इस आस्था की वजह भी ऐसी कई चीजें हैं। जिनका कोई न कोई पौराणिक महत्व है। इनसे जुड़ी कुछ कहानियां भी सच साबित होती है।

इसी वजह से लोगों का विश्वास इन पर ज्यादा बढ़ जाता है। आज हम आपको एक ऐसे कुएं के बारे में जो बताने जा रहे हैं जो भविष्य बताता है। वाराणसी में स्थित यह कुआ आपको आपकी मौत से जुड़ी भविष्यवाणी करके बताता है। आसपास के लोगों के पास ऐसी कई घटनाओं के सबूत है।

जो इसकी भविष्यवाणी को सच साबित करते हैं। हम बात कर रहे हैं वाराणसी के चंद्रक कूप के बारें में। असल में यह एक कुआं है। यह कुआँ काशी विश्वनाथ मंदिर के काफी नजदीक है। यह सिद्धेश्वरी मोहल्ले में बने सिद्धेश्वरी मंदिर का ही एक हिस्सा है।

यह जगह चंद्रेश्वर लिंग की वजह से मशहूर है। हिंदू धर्म के मुताबिक चंद्रेश्वर लिंग उन नौ शिवलिंग का हिस्सा है। जिन्हें नवग्रह शिवलिंग भी कहा जाता है। खासकर अमावस्या और पूर्णिमा पर यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है। लोग शिवलिंग की पूजा के बाद इस कुएं पर जरूर आते हैं।

कहा जाता है कि इस चंद्र कूप को एक शिव भक्त ने बनाया था। उसकी तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने इस कुएं को आशीर्वाद दिया था। तब से यह कुआ लोगों को उनकी मौत से जुड़ी भविष्यवाणी बताता है। अब आपको बताते हैं कि आखिर कैसे यह कुआं भविष्यवाणी करता है।

यहां आने वाले लोग कहते हैं कि श्रद्धालु इस कुएं के पानी में झांकते हैं। अगर आपको इस कुएं में अपनी परछाई दिख गई तो ठीक है। लेकिन अगर नहीं दिखी तो आपकी मौत नजदीक है। कहते हैं कि जिन लोगों को इसमें अपनी परछाई नहीं दिखती हैं।

उनकी मौत झांकने के छ महीने के अंदर ही हो जाती है। आसपास के लोगों को ऐसी कई घटनाए पता है जो इस कुएं की भविष्यवाणी को सच साबित करने के लिए काफी है। यहां पूजा करने आए लोग मंदिर के बाद कुएं पर जरूर आते हैं कहते हैं कि इसके पानी को पिए बिना पूजा पूरी नहीं होती।

4. लेडी रंथि ग्रोटा कुआँ पुर्तगाल:- दुनिया के इस रहस्यमय कुएं के अंदर से रोशनी निकलती हैं। आज भी है यह एक अनसुलझा रहस्य। अगर आपको कोई कहे कि दुनिया के एक कोने में एक ऐसा कुआं है जहां पर पानी नहीं बल्कि तेज रोशनी निकलती है। यह अजूबा कुआँ पुर्तगाल में है। जिसके अंदर ना ही सूखे पत्ते हैं और ना ही पानी है बल्कि इसमें से केवल रोशनी निकलती है। यह सुनने में आपको अजीब लग सकता है।

लेकिन इस कहानी में 100 फीसदी सच्चाई है। वहां पर कई सारे लोगों ने जाकर इसकी बातों को सच बताया है। कई सारे शोधों के बाद पता चला है कि कुएं के अंदर किसी तरह की कोई प्रकाश जैसी चीजें पाई ही नहीं गई हैं। तो सोचने वाली बात है कि इसके अंदर से रोशनी आ कहां से रही है। इस रहस्य को आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है। दूर दूर से लोग इसे देखने आते हैं।

लोग इसके इस अद्भुत रहस्य को देख हैरान हो जाते हैं। लोग इस कुएं को विशिंग वेल मानते हैं और इसमें एक सिक्का डालकर मन्नत मांगते हैं। हालांकि ऐसा दुनिया के कई सारी जगहों पर भी होता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से उनकी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।

इस कुआँ को देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग आते हैं। लेडी रंथि ग्रोटा नाम का यह कुआं दिखने में उल्टे टॉवर की तरह है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कुएं के पास ही एक और छोटा सा कुआं है। यह दोनों कुएं सुरंगों के द्वारा एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यूनेस्को के द्वारा इस कुआँ को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के लिस्ट में संरक्षित किया हैं।

5. नाग लोक का कुआं :- महर्षि पतंजलि काशी के इस रहस्यमय कुआँ के रास्ते से नाग लोक जाते थे। इसका इतिहास 3000 साल पुराना है। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी दुनिया के प्राचीनतम शहरों में से एक है। इस प्राचीन शहर में कई किस्से और रहस्य भी छुपे हुए हैं। काशी में ऐसा ही एक रहस्यमय कुआं है।

जिसका रास्ता सीधे नाग लोक को जाता है। इसे नाग कूप के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि वाराणसी के नाग कूप में दर्शन पूजन से भक्तों को नाग दंश और कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। यही वजह है कि यहां भक्तों की भीड़ होती है। भक्तों का दावा है कि इस कुएं का इतिहास 3000 साल पुराना है। काशी के मंदिरों पर प्रामाणिक पुस्तक काशी खंडोक्त में भी इस प्राचीन नाग कूप का जिक्र है।

इसके अलावा भी कई शास्त्रों में इस कुएं के प्रमाण है। वाराणसी के जैतपुरा इलाके में स्थित यह नाग कुआं देखने में तो आम कुएं की तरह है। लेकिन यह कुआं कितना गहरा है इसका ठीक-ठीक पता आज तक कोई नहीं जान पाया है। कहा जाता है कि इस कुएं का रास्ता सीधे नागलोक यानी पाताल लोक को जाता है।

इस कुएं में 100 फीट गहराई पर एक शिवलिंग भी है जिसका दर्शन साल में सिर्फ एक बार ही हो पाता है। महंत राजीव पांडे ने बताया कि इस कुएं के अंदर भी सात कुएं हैं। उन कुओं से होते हुए नागलोक तक का सफर किया जा सकता है। लेकिन आज तक इस कुएं में 100 से 120 फीट गहराई तक ही लोग पहुंच पाए है।

योग सूत्र की रचना के मानें काशी के इस कुए का सीधा कनेक्शन शेष अवतार नागवंश के महर्षि पतंजलि से है। कथाओं के मुताबिक महर्षि पतंजलि ने व्याकरण चार्य पाणिनी के भाष्य की रचना की थी। मान्यता है कि नाग कूप के रास्ते से महर्षि पतंजलि काशी से नाग लोक में जाकर तपस्या किया करते थे। महर्षि पतंजलि ने इस स्थान से योग सूत्र की रचना की थी।

ऐसे में इस कुंड में स्नान करने से कई बीमारियों से लोगों को मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि जिस व्यक्ति को सपने में बार-बार सर्प या नाग का दर्शन होता है या उन्हें सांप दौड़ाकर काटते हुए दिखता है। उन्हें इस कुएं में एक बार जरूर स्नान करना चाहिए। इस कुएं का जल घर में छिड़कना चाहिए। इससे सर्पदंश का भय समाप्त हो जाता है।

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