Bhim Army Foundation Day 2024 : भीम आर्मी (Bhim Army) एक भारतीय दलित अधिकार संगठन है जिसे चंद्रशेखर आज़ाद रावण द्वारा स्थापित किया गया था। यह संगठन मुख्य रूप से दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों के अधिकारों और उनके खिलाफ हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ता है। भीम आर्मी का मुख्य उद्देश्य दलित समाज को शिक्षित करना, संगठित करना और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।
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भीम आर्मी की सदस्यता का नव अभियान।।भीम आर्मी के सभी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों एवं समर्थकों को भीम आर्मी भारत एकता मिशन के 9वें स्थापना दिवस (21 जुलाई, 2024) के अवसर पर प्रत्येक गांव, न्याय पंचायत एवं जिले मे सदस्यता अभियान चलाकर जनता को… pic.twitter.com/IBanrynkiy
— 🇮🇳Vinay Ratan Singh🇮🇳 (@VinayRatanSingh) July 15, 2024
Bhim Army Foundation Day 2024 in Hindi
इस आर्टिकल में आपको हम बातएंगे कि कैसे भीम आर्मी दलित के लिए उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करता हैं।
भीम आर्मी स्थापना दिवस परिचय Bhim Army Foundation Day Introduction
भीम आर्मी, जो दलित समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ने वाला संगठन है, ने अपनी स्थापना के साथ ही सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। यह संगठन भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों और सिद्धांतों को मानता है और उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए दलितों के हक के लिए संघर्ष करता है।
भीम आर्मी स्थापना दिवस स्थापना Bhim Army Foundation Day Foundation
भीम आर्मी की स्थापना 21 जुलाई 2015 को चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ द्वारा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में की गई थी। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य दलितों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके विरुद्ध होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना है। भीम आर्मी शिक्षा, स्वाभिमान, और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में कार्यरत है और इसके माध्यम से दलित समुदाय को सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है।
भीम आर्मी के कार्य और उपलब्धियाँ Works and Achievements of Bhim Army
भीम आर्मी ने अपने स्थापना के बाद से ही कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। इसने दलित बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्कूल खोले हैं। इसके अलावा, संगठन ने दलित समुदाय के खिलाफ होने वाले अत्याचारों और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई है और उनके न्याय के लिए संघर्ष किया है।
संगठन ने कई महत्वपूर्ण आंदोलन किए हैं, जिनमें सहारनपुर हिंसा (2017) प्रमुख है। इस घटना में, भीम आर्मी ने दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सशक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया।
भीम आर्मी के वर्तमान स्थिति Current status of Bhim Army
आज भीम आर्मी सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय है। इसने दलित अधिकारों के मुद्दों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है। चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ के नेतृत्व में, भीम आर्मी लगातार सामाजिक न्याय, समानता, और दलित अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है।
भीम आर्मी का घोषित मिशन ” दलितों की गरिमा को बनाए रखने या बहाल करने के लिए टकराव पर आधारित सीधी कार्रवाई ” है और सहारनपुर क्षेत्र में इसके अनुमानित 20,000 अनुयायी हैं, जिसमें 20% दलित आबादी है। भीम आर्मी का उद्देश्य दलितों और किसानों जैसे समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों का समर्थन करना है।
इस संगठन के व्यापक रूप से संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद ने ” बहुजन समुदाय जिसमें एससी, एसटी और मुस्लिम अल्पसंख्यक शामिल हैं जो लंबे समय से मुख्यधारा से दूर रहे हैं ” के रूप में वर्णित किया है। उन्होंने कहा है कि ” हम अपनी मांगों के समर्थन में विधानसभा का घेराव भी कर सकते हैं “।
उन्होंने भाजपा के खिलाफ दलितों और मुसलमानों के बीच गठबंधन बनाने की मांग की है , और खुद को भारतीय संविधान का समर्थक और धर्मतंत्र और मनुवादी विचारधारा का विरोधी बताया है।
समाप्ति
भीम आर्मी की स्थापना दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमें याद दिलाता है कि सामाजिक न्याय और समानता के लिए संघर्ष कभी खत्म नहीं होता। यह संगठन डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाते हुए एक नए भारत की कल्पना कर रहा है।
जहाँ सभी को समान अधिकार और सम्मान मिले। भीम आर्मी की यात्रा एक प्रेरणा है, जो हमें सिखाती है कि एकता और संघर्ष से हम किसी भी सामाजिक बुराई का सामना कर सकते हैं और न्याय के मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं।
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