Indian Constitution Articles 17 To 21 : भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 से 21 तक बुनियादी अधिकारों को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण हैं। ये अनुच्छेद नागरिकों को अपने जीवन, स्वतंत्रता, और अधिकारों की रक्षा करने की गारंटी प्रदान करते हैं।
यहाँ मुख्य बिंदु शामिल हैं जैसे कि जीवन की रक्षा, स्वतंत्रता, व्यक्ति की स्वतंत्रता, और धार्मिक स्वतंत्रता। इन अनुच्छेदों का पालन भारतीय समाज में समानता, न्याय, और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
Dr Bhim Rao Ambedkar is the Architect of Indian Constitution .
Dr Ambedkar opposed inclusion of #Articles like Article 370 & 35A in the Indian Constitution but these Articles were included as temporary provisions.
Removal of both was real tribute to Baba Saheb!#AmbedkarJayanti pic.twitter.com/qDFLX0eJlD— THE BONE DOCTOR OF J&K Dr Vikas Padha🇮🇳 (@DrVikasPadha) April 14, 2024
Indian Constitution Articles 17 To 21 in hindi
Indian Constitution Articles 17 To 21 (भारतीय संविधान अनुच्छेद 17 के विवरण)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 में राज्य सरकारों के लिए कानून बनाने का अधिकार है। इस अनुच्छेद में विशेष रूप से यह उल्लेख है कि राज्य सरकारें उन क्षेत्रों में कानून बना सकती हैं जिन पर संघ का अधिकार नहीं है, या फिर संघ के द्वारा अधिकृत किये गए क्षेत्रों में भी कानून बना सकती हैं। इस अनुच्छेद के तहत राज्यों को निम्नलिखित क्षेत्रों में कानून बनाने की अनुमति है:
स्थानीय सरकारी संरचना और प्रबंधन।
पुलिस, पुलिसीय बल, और स्थानीय अदालतों के बारे में कानून।
दण्ड प्रणाली के विषय में।
स्थानीय शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर कानून बनाने का अधिकार।
इस अनुच्छेद में राज्य सरकारों को अपने प्रशासनिक और विधिक क्षेत्र में स्वतंत्रता दी गई है, जोकि उन्हें उनके राज्य के विशेष परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार कानून बनाने की अनुमति देती है।
Indian Constitution Articles 17 To 21 (भारतीय संविधान अनुच्छेद 18 के विवरण)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 18 निम्नलिखित मुद्दों पर प्राधिकार प्रदान करता है:
अधिकारिक सभाओं के स्थापना: इस अनुच्छेद के तहत, राज्य सरकारें अपने क्षेत्र में अधिकारिक सभाएं (Legislative Assemblies) स्थापित कर सकती हैं। इन सभाओं के माध्यम से कानून बनाए जाते हैं और सरकारी नीतियों का निर्णय लिया जाता है।
प्रदेश विधान परिषद: राज्य सरकारें अपने क्षेत्र में प्रदेश विधान परिषद (Legislative Council) स्थापित कर सकती हैं, यदि वे इसके स्थापना के लिए संघ से अनुमति प्राप्त करती हैं। प्रदेश विधान परिषद की स्थापना उस राज्य के विशेष परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार की जाती है।
इन दो प्रमुख प्रावधानों के द्वारा, भारतीय संविधान अनुच्छेद 18 राज्य सरकाओं को स्वतंत्रता देता है कि वे अपने क्षेत्र में संविधानिक रूप से स्थापित सभाओं और परिषदों की स्थापना कर सकें, जो उनकी स्थानीय शासन क्षमता को प्रदर्शित करते हैं।
Indian Constitution Articles 17 To 21 (भारतीय संविधान अनुच्छेद 19 के विवरण)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह अनुच्छेद निम्नलिखित अधिकार प्रदान करता है:
विचार, अभिव्यक्ति, सम्प्रेषण: यह अनुच्छेद व्यक्तिगत स्वतंत्रता का महत्वपूर्ण पहलू है और इसके तहत व्यक्ति को विचार, अभिव्यक्ति और सम्प्रेषण की स्वतंत्रता होती है। यह अर्थात है कि हर व्यक्ति को अपने विचारों और विचारों को व्यक्त करने का अधिकार है, जो स्वतंत्र और अनिवार्य है।
सम्पत्ति का संरक्षण: इस अनुच्छेद के तहत, सम्पत्ति की सुरक्षा और उसके संरक्षण का हक भी निर्दिष्ट किया गया है। यह सम्पत्ति का संरक्षण व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
धार्मिक स्वतंत्रता: यह अनुच्छेद धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन करता है, अर्थात यह व्यक्ति के अध्यात्मिक विश्वास और आचरण की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करता है।
अनुच्छेद 19 भारतीय संविधान में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मानव अधिकारों के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को प्रतिष्ठित करता है, जो हर नागरिक को उनके अधिकारों का आनंद लेने की सुनिश्चित करता है।
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Indian Constitution Articles 17 To 21 (भारतीय संविधान अनुच्छेद 20 के विवरण)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 में निम्नलिखित मुद्दों पर प्राधिकार प्रदान किया गया है:
भाषा से संबंधित अधिकार: इस अनुच्छेद के अंतर्गत, हर नागरिक को अपनी पसंद की भाषा में अपने विचारों को व्यक्त करने, समझने और विचार-विमर्श करने का अधिकार होता है।
संघीय और राज्यीय सरकारों में भाषाओं का उपयोग: यह अनुच्छेद संघीय और राज्यीय सरकारों को अपने अधिकार के अंतर्गत अपनी भाषा का उपयोग करने की सुनिश्चितता देता है।
माध्यमों के माध्यम से संवाद: यह अनुच्छेद भारतीय नागरिकों को समाज में माध्यमों के माध्यम से संवाद करने और समाचार और विचारों की आपसी सम्पर्क में आने का अधिकार प्रदान करता है।
अनुच्छेद 20 मानव अधिकारों और स्वतंत्रता के प्रति समर्पित है, विशेषकर भाषा, संवाद, और सम्प्रेषण के क्षेत्र में व्यक्ति को स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करता है।
Indian Constitution Articles 17 To 21 (भारतीय संविधान अनुच्छेद 21 के विवरण)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में व्यक्तिगत जीवन, स्वास्थ्य, और व्यक्तिगत सुरक्षा के मुद्दों पर प्राधिकार प्रदान किया गया है। इस अनुच्छेद में निम्नलिखित प्रमुख प्रावधान होते हैं:
व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण: अनुच्छेद 21 भारतीय नागरिकों को उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण प्रदान करता है। इसके अंतर्गत, किसी भी व्यक्ति को केवल कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ही बंदी या रिहा किया जा सकता है।
स्वास्थ्य की सुरक्षा: अनुच्छेद 21 भारतीय संविधान में व्यक्तियों को स्वास्थ्य की उचित देखभाल और सुरक्षा का हक भी प्रदान करता है। यह भारतीय सरकार को जनता के स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी प्रदान करता है।
व्यक्तिगत सुरक्षा का हक: अनुच्छेद 21 व्यक्तियों को व्यक्तिगत सुरक्षा का अधिकार भी प्रदान करता है। इसके तहत, किसी भी व्यक्ति को उसकी जिंदगी और सम्पत्ति की सुरक्षा का समर्थन किया जाता है।
अनुच्छेद 21 भारतीय संविधान में मानव अधिकारों और व्यक्तिगत सुरक्षा के प्रति भरोसा और सुनिश्चितता का संकेत है, जो हर नागरिक की बुनियादी अधिकारों को सुनिश्चित करता है।
अनुच्छेद 17 से 21 तक के आर्टिकल की बात करते हैं व्यक्तिगत स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता, और न्याय के महत्वपूर्ण पहलुओं पर। इन अनुच्छेदों में स्पष्ट किया गया है कि हर व्यक्ति को उनकी धर्म, संस्कृति और भाषा के अनुसार स्वतंत्रता होनी चाहिए, और उन्हें न्यायपूर्ण तरीके से उनके अधिकारों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए।
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