Bermuda Triangle: हम अक्सर बरमूडा ट्रायंगल (Bermuda Triangle) के बारे में विस्तार से जानना कहते हैं और इसका नाम सुनकर हमें अचंभा लगता है कि आखिर ये है कैसा है और इसका रहस्य क्या है।
वैज्ञानिक भाषा में जब हम पढ़ते हैं तो हमें उतना अच्छे से समझ नहीं आता है, लेकिन अगर कोई आम बोलचाल की भाषा में समझा सके तो कितना बेहतर समझ में आएगा । इसलिए हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके लिए लेकर आएं हैं बरमूडा ट्रायंगल की हिस्ट्री और उसकी मिस्ट्री बेहद आसान और आम बोलचाल की भाषा में।
बरमूडा ट्रायंगल क्या है? (What is the Bermuda Triangle?)
अटलांटिक सागर में 5 लाख स्क्वायर किलोमीटर का एक हिस्सा बरमूडा ट्रायंगल कहलाता है। इसे बारमूडा ट्रायंगल कहने के पीछे का कारण ये है की इसका आकार ट्रायंगल की तरह है। लेकिन इस बात की कोई पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है, लेकिन हैरत की बात ये है कि पिछले 100 सालों में इसमें 75 हवाई जहाज और 100 से ज्यादा छोटे-बड़े जहाजो को अपने अंदर समा चुके हैं। इस रहस्यमय जगह पर अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यही कारण है कि यह पूरी दुनिया के लिए एक मिस्ट्री बना हुआ है। कुछ देशों में इसे डेविल (राक्षस) ट्रायंगल भी बोला जाता हैं ।
बरमूडा ट्रायंगल (Bermuda Triangle) उत्तर अटलांटिक महासागर में स्थित है। ये क्षेत्र ब्रिटेन का प्रवासी क्षेत्रों में आता है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट पर मियामी (फ्लोरिडा) से महज 1770 किलोमीटर और हैलिफैक्स, नोवा स्कोटिया, (कनाडा) के दक्षिण में 1350 किलोमीटर (840 मील) की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि सबसे पहले इसकी खोज क्रिस्टोफर कोलंबस ने की थी और दुनिया को इससे रूबरू करवाया था। उन्होंने अपने लेखों के माध्यम से बताया था कि किस तरह की घटनाएं बरमूडा ट्रायंगल में होती हैं और यह एक रास्ता है, जो सभी गायब चीजों को एलियंस तक पहुँचता है।
क्यों गायब हो जाते हैं जहाज?(Why do ships disappear?)
इस क्षेत्र में जहाजों के गायब होने के कारणों पर कई शोध और अध्ययन हुए, लेकिन अभी तक स्पष्ट रूप से कुछ पता नहीं चल पाया है। हालांकि वैज्ञानिक का मानना है कि मौसम की वजह से यह जहाजों गायब होते हैं। बरमूडा ट्रायंगल के आसपास के मौसम का शोध करने पर वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया कि इस ट्रायंगल के ऊपर खतरनाक हवाएं चलती हैं और इनकी रफ्तार 170 मील प्रति घंटे रहती है। जब कोई जहाज इस हवा की चपेट में आता है, तो अपना संतुलन खो बैठता है, जिसके कारण उनका एक्सीडेंट हो जाता है और वह इस क्षेत्र में डूब जाता है।
वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि बरमूडा ट्रायंगल (Bermuda Triangle) में बेहद भारी चीजों को अपनी ओर खींच लेने की ताकत बादलों की हेक्सागोनल शेप की वजह से आती है। यह बादल ‘एयर बम’ बनाते हैं। यानी हवा में बम ब्लास्ट जैसी ताकत पैदा करते हैं। इनके साथ 170 मील (करीब 273 किलोमीटर)/घंटा की रफ्तार वाली हवाएं होती हैं और ये बादल और हवाएं आपस में मिलकर जब जहाज से टकराते हैं और उन्हें खींचकर समुद्र के तल में ले जाते हैं।
बरमूडा ट्रायंगल में लापता हुआ जहाज(Missing ship in Bermuda Triangle)
1. 1872 में जहाज ‘द मैरी सैलेस्ट’ बरमूडा ट्रायंगल में लापता हआ, जिसका आजतक कुछ पता नहीं।
2. 1945 में नेवी के पांच हवाई जहाज बरमूडा ट्रायंगल में समा गए। ये जहाज फ्लाइट-19 के थे।
3. 1947 में सेना का सी-45 सूपरफोर्ट जहाज़ बरमूडा ट्रायंगल के ऊपर रहस्यमय तरीके से गायब हो गया।
4. 1948 में डीसी-3 जहाज ट्यूडोर बरमूडा ट्रायंगल में खो गया। इसका भी कुछ पता नहीं।
5. 1950 में अमेरिकी जहाज एसएस सेंड्रा यहां से गुजरा, लेकिन कहां गया कुछ पता नहीं।
6. 1952 में ब्रिटिश जहाज अटलांटिक में विलीन हो गया। 33 लोग मारे गए, किसी का शव तक नहीं मिला।
7. 1962 में अमेरिकी सेना का केबी-50 टैंकर प्लेन बरमूडा ट्रायंगल के ऊपर से गुजरते वक्त अचानक लापता हुआ।
8. 1972 में जर्मनी का एक जहाज बरमूडा ट्रायंगल में घुसते ही डूब गया। इस जहाज़ का भार 20 हज़ार टन था।
9. 1997 में जर्मनी का विमान बरमूडा ट्रायंगल में घुसते ही कहां गया, कुछ पता नहीं।
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